तू साथ मेरे जब होती है, हर राह क्यों मुमकिन लगती है !
ये बात बड़ी ही गहरी है, हर बात पे आहें भरती है !!
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हर बात मुसाफिर लगती है, जब राह मेरी तू होती है !
किस बात का मुझको डर यारो, जब साथ मेरे तू होती है !!
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जितेन्द्र सिंह बघेल
19th Oct 2013