Saturday 23 January 2016

!! शत शत नमन नेता जी !!

सुभाष तू सुहाग है, वतन की आबरू भी है !
तेरे निशां गवाह हैं, बयाँ करूँ तो कम भी है !!
बदल दिया - बना दिया, वतन की आन बान को !
बना दिया मिसाल तू , लगा के अपनी जान को !!
तू  वीर था - सपूत था, वतन तेरा वजूद था !
तो लौट एक बार फ़िर, बना दे जो भी छोड़ा था !!
तेरी उपाधि आजकल, लिये फिरे हैं मतलबी !
जिन्हे नहीँ है कुछ पता, है क्या गलत और क्या सही !!
है रो रहा वतन मेरा, है रो रहा ये  दिल मेरा !
है टूट के बिखर रहा, क्यों आज़ ये वतन मेरा !!
😭😭😭😭😭😭😭😭😭
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
23rd जनवरी 2016
शत शत नमन नेता जी

Wednesday 6 January 2016

तुम्हे देखा था जब पहले !!

तुम्हे देखा था जब पहले, कसक सी एक हुई थी तब !
ज़माना लो कहाँ लाया, कसक वैसी है जैसी तब !!
तुम्हारी सादगी ही है, समझ जाओ मेरा गहना !
ये गहना ना कभी उतरे, बचा लेना मेरा सपना !!
किसी के दर्द को देखो, तो रोते हो बिलखते हो !
कई पहलू छुपाये हो, अकेले होके सहते हो !!
मेरी समझाइसें तुमको, रुला जातीं हैं जाने क्यों !
रखूं हँसता हुआ तुमको, यही दिल चाहता है क्यों !!
बड़ी मुद्दत से आये हो, कभी कहना ना जाने को !
कसम से रो पडूंगा मैं, नहीँ है कुछ गंवाने को !!
तुम्हे आना ही था मुझ तक, यकीं पहले से था मुझको !
सम्भाला था सम्भाला हूँ, मिलूंगा है यकीं खूदको !!
🌹🌹🌹🌹
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल

।। मेरे शहर में सब है ।।

मेरे शहर में सब है, बस नही है तो, वो महक... जो सुबह होते ही, मेरे गांव के हर घर से आती थी। थोड़ी सोंधी, मटमैली, जो अंतर्मन में घुल जाती थी।।...