Saturday 7 March 2020

महिला दिवस 2020

एक लड़की
एक बहन
एक औरत
एक पत्नी
एक माँ
और न जाने कितने अनगिनत रिश्तों को जीने वाली ये प्रजाति ब्रह्मांड की वो शक्ति है जिसे आप शब्दों में नही बता सकते, जिसे आप किसी से तुलना नही कर सकते न ही आप उस जैसा कोई और उत्पन्न कर सकते।
एक मर्द की अगर सच्चे मायने में मर्द है तो उसे हर स्त्री का सम्मान करना आना चाहिए।

आज अगर मैं इस खुले सोशल मीडिया मंच से कुछ मर्दो से ये पूंछना चाहूँ की मर्द शब्द को परिभाषित करिये तो शायद उनको गूगल गुरु या किसी लोकल गुरु की आवश्यकता पड़ सकती है, क्यों?

क्योंकि वो मर्द शब्द को सैदव एक अक्खड़पन और उद्दंड शब्द के समानार्थी पाए हैं, हमारा समाज मर्द और स्त्री के अन्तर को शायद मिटा पाने में असफल रहा है ऐसा मेरा खुद का मानना है।
हमारी सोंच औरत के प्रति केवल रसोई तक सीमित है क्या?
अगर मैं कहूँ हां चलिए सही है तो वहाँ भी उसे गलत ही माना जाता है, धोके से रसोई में यदि नमक हल्दी की मात्रा ज्यादा होइ तो इसी सोशल मीडिया के ८०% प्रतिशत मर्द वहाँ अपनी मर्दानगी दिखा देंगे, बिना जाने बिना सोंचे।
(कुछ जगह अपवाद होते हैं लेकिन उनकी संख्या तुच्छ है- औरतों के लिए)

कभी कोई उस लड़के से पूंछे जिसने अपना बचपन ही बिना माँ के बिता दिया, कभी कोई उस भाई से पूंछे जिसकी कलाई आज तक तरस रही कि कोई कलाई भर दे, कभी उस अधेड़ उम्र मर्द से पूंछे की उसका जीवन कैसे कटेगा और कभी कोई उम्र के आखिर पड़ाव में बेबस बुजुर्ग से पूंछे की आपका बचा टाइम कैसे कटेगा?
ये प्रश्न ऐसे हैं जो कदाचित नेत्रों को नमी देते हैं, मगर वहीं अनायास सोंचने पे विवश करते हैं।

सम्मान

ये शब्द ऐसा है जितना दोगे दुगुना मिलेगा।
फिर चाहे इंसान हो या जानवर।

मैं अपने अबतक के जीवन काल में लगभग बहुत स्थानों में रहा हूँ सालों साल वहा जीवन यापन किया, सही मायनों में 15-20 स्थान बदल दिया जहाँ आज भी मेरे खास लोग हैं खुद के बनाये, लेकिन हर उस स्थान में इंसान से पहले मेरे जानवर दोस्त हुए, क्यों?
क्योंकि जानवर से बेहतर सम्मान का मतलब इंसान कभी नहीं समझ सकता।

इस घटना का बखान करने का कारण यही था कि अगर हम इंसान हैं और जानवर से खुद को बेहतर मानते हैं तो कुछ तो इंसानो वाली हरकते करें, अपने घर से इसकी शुरुआत करें देखते देखते ये समाज की पंरपरा बन जाएगी।

।यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते, रमन्ते तत्र देवता।

ये मैं स्कूल में 10 वी की संस्कृति में पढ़ा था।



महिला दिवस की ब्रह्मांड की समस्त महिलाओ को अनेक अनेक सुभकामनाये
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
 8th मार्च 2020 रविवार

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