वो मन की बातें जान सकें, कुछ ऐसी काश खुदाई हो !
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है बात मगर कुछ ऐसी ही, शायद उनको अफ़सोस न हो !!
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वो मन की बातें जान सकें, कुछ ऐसी काश खुदाई हो !
वो मन की बातें जान सकें, कुछ ऐसी काश खुदाई हो !
हम हर मंजर सह जायेंगे, फिर चाहे बाद जुदाई हो !!
जितेन्द्र सिंह बघेल
2nd जून 2013