एक ज़माना लौट आया, एक ज़माना छोड़ के !
एक नयी सौगात लाया, वक्त खुद करवट बदल के !!
हम यकीं कर ही न पाये, जो गये थे भूल के !
फ़िर अचानक लेके आया, दिल मेरा भी ढूँढ़ के !!
हो रहीं हरतरफ बातें, हो रहा सब अलग से !
क्या कहें दर्दे मोहब्बत, जो जिये हैं शौक से !!
ये फ़कत अंजाम है, कुछ सिले हैं इश्क के !
जिंदगी अब रंग में है, रंग दिया तू इश्क से !!
एक ज़माना लौट आया, एक ज़माना छोड़ के !
एक नयी सौगात लाया, वक्त खुद करवट बदल के !!
🌹🌹🌹🌹
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
29th दिसम्बर 2016
Thursday 29 December 2016
एक ज़माना लौट आया !!
यूँ ही.....
दीदारे इश्क में थोड़ा मशगूल क्या हुए !
लोग हमारी शराफ़त को ही शरारत समझ बैठे !!
12th December 2106
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
Wednesday 31 August 2016
नियति !!
नियति का अपराध है की, नियति अब तक दूर है !
फ़िर न जाने क्यों मेरे, हालात भी मशहूर हैं !!
हो रही कैसी इनायत, जो क़यामत सी लगे !
हो रही हर साँस पागल, दिन पराये से लगे !!
कब तलक तन्हा रहें हम, वक्त भी मज़बूर है !
दिल बेचारा मोह पाले, जिनकी आहट दूर है !!
जितेन्द्र शिवराज सिंह बघेल
30th Julay 2016
Bday special.....
Dedicated to my love "LORI"
🎂🌹🎂💖🎂💞🎂
Wednesday 6 July 2016
जीवन जीवंत !!
मेरी तक़दीर और तक़लीफ़ दोनों में एक रिश्ता खास है !
एक साथ नहीँ देती, और एक साथ नहीँ छोड़ती !!
🙇
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
7 जुलाइ 2017
Sunday 19 June 2016
Happy Father's Day 2016
इस जीवन को जीना कैसे , मुझको है जिसने सिखलाया !
जिसने अपने बाकी सपने, सच करके मुझमें दिखलाया !!
हर बार मरूं हर बार जिउँ, पर मिलो मुझे तुम हर एक जनम !
मेरे मन के मेरे तन के, हर घाव का के थे तुम ही मरहम !!
बचपन से आज जवानी तक, इस उमर को मैं लो जी आया !
हर एक सफ़र को लांघ गया, हर राह में ही तुमको पाया !!
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
Jitendra Shivraj Singh Baghel
पितृ दिवस की मंगल कामनाये
Monday 23 May 2016
Saturday 7 May 2016
माँ 🙏 माँ
मैं जो भी हूँ....
बस तेरी कला का एक प्रतीक ही तो हूँ !
कई मौसम आये....
कई चले गये....
मगर मैं अडिग, निर्भीक, निडर रहा...
मैं तेरी दुआओं का असर ही तो हूँ !!
कभी लगता है बदल दूँ ज़माना....
कभी लगता है ज़माने सा हो जाऊँ....
मगर खुद बदला नहीँ....
तेरे साहस की एक प्रमाणिकता ही तो हूँ !
मैं जो भी हूँ....
बस तेरी कला का एक प्रतीक ही तो हूँ !!
माँ 🙏....
हे ईश्वर !!
वो सौभाग्य प्रदान करना की नित माँ के चरणों को स्पर्श कर सकूं !!
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
Wednesday 4 May 2016
बीते पल में, मैं आज जियूँ !
Friday 18 March 2016
देश को पैगाम !!
क्या मेरे राम, मेरे यीशू , मेरे नानक और मेरे पैगम्बर ने यही पैगाम और सीख दी, की तुम मेरे खुद के प्रमाणों को न मानकर उनके प्रमाणों और धारणाओं को मानो जो मेरे प्रमाणों और वजूद का मजाक बनाकर, अपनी रोटी सेंक रहे !!
हर वो व्यक्ति जो समाज और व्यक्ति को धर्म और जाति के आधार पर महत्व देता है आप उसको महत्वहीन करदो, मैं नहीँ कहता की अपमानित करो, बस सम्मान करना छोड़ दो !!
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इतने भी नासमझ न हो जाओ,
की समझ भी आपको समझ न पाये !
खुद के इन्सान को जगाओ,
बस ये सोँचो की जमीं पे क्यों आये !!
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जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
18 th मार्च 2016
Saturday 23 January 2016
!! शत शत नमन नेता जी !!
सुभाष तू सुहाग है, वतन की आबरू भी है !
तेरे निशां गवाह हैं, बयाँ करूँ तो कम भी है !!
बदल दिया - बना दिया, वतन की आन बान को !
बना दिया मिसाल तू , लगा के अपनी जान को !!
तू वीर था - सपूत था, वतन तेरा वजूद था !
तो लौट एक बार फ़िर, बना दे जो भी छोड़ा था !!
तेरी उपाधि आजकल, लिये फिरे हैं मतलबी !
जिन्हे नहीँ है कुछ पता, है क्या गलत और क्या सही !!
है रो रहा वतन मेरा, है रो रहा ये दिल मेरा !
है टूट के बिखर रहा, क्यों आज़ ये वतन मेरा !!
😭😭😭😭😭😭😭😭😭
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
23rd जनवरी 2016
शत शत नमन नेता जी
Wednesday 6 January 2016
तुम्हे देखा था जब पहले !!
तुम्हे देखा था जब पहले, कसक सी एक हुई थी तब !
ज़माना लो कहाँ लाया, कसक वैसी है जैसी तब !!
तुम्हारी सादगी ही है, समझ जाओ मेरा गहना !
ये गहना ना कभी उतरे, बचा लेना मेरा सपना !!
किसी के दर्द को देखो, तो रोते हो बिलखते हो !
कई पहलू छुपाये हो, अकेले होके सहते हो !!
मेरी समझाइसें तुमको, रुला जातीं हैं जाने क्यों !
रखूं हँसता हुआ तुमको, यही दिल चाहता है क्यों !!
बड़ी मुद्दत से आये हो, कभी कहना ना जाने को !
कसम से रो पडूंगा मैं, नहीँ है कुछ गंवाने को !!
तुम्हे आना ही था मुझ तक, यकीं पहले से था मुझको !
सम्भाला था सम्भाला हूँ, मिलूंगा है यकीं खूदको !!
🌹🌹🌹🌹
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
।। मेरे शहर में सब है ।।
मेरे शहर में सब है, बस नही है तो, वो महक... जो सुबह होते ही, मेरे गांव के हर घर से आती थी। थोड़ी सोंधी, मटमैली, जो अंतर्मन में घुल जाती थी।।...
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पाठ - 14 " पाँच बातें " कक्षा - 4 1- हर एक काम इमानदारी से करो ! 2- जो भी तुम्हारा भला करे, उसका कहना मानो ! 3- अधिक...
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कभी कोख में तो, कभी चौक में मैं। क्यों मारी क्यों नोची, जली जा रही हूँ।। किसी रोज़ हो जाऊं, गी जग से ओझल। तो रहना अकेले, कहे जा रही हूँ।। ...
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कभी - कभी कुछ मजबूरियाँ आदत बन जाती हैं ! हम समझ ही नहीं पाते, कब वो इबादत बन जाती हैं !! दर्द तब होता है यारो, जब दुआ भी बददुआ बन जाती हैं...