कर बात आज एक तू, जिए - मरे, डरे नहीं !
भले कटे अनेक सर, मगर कभी झुके नहीं !!
हो आन बान शान ही, वतन की जो, वही तेरी !
पुकार दे, दहाड़ दे, यही स्वतंत्रता तेरी !!
लिया जनम यहीं तो है, मरेगा भी यहीं पे तू !
ना देख धुप छाँव अब, बढ़ा कदम, चलेगा तू !!
है देश आज जल रहा, बुझा नहीं सके कोई !
सब सेंकते हैं रोटियां, उन्हें नहीं हया कोई !!
तू चीर दे दीवार को, तू फाड़ दे पहाड़ को !
तू मोड़ दे तूफान को , तू सह सभी प्रहार को !!
है मात्र एक जीव तू, यही समझ के कर्म कर !
वतन की आबरू तेरी, यही समझ के जश्न कर !!
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स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक सुभकामनाएँ
!! जय हिन्द - जय भारत !!
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
15 अगस्त 2015