Thursday 31 October 2019

संस्कृति मंत्रालय (भारत)


 श्री मान आदरणीय 

संस्कृति मंत्रालय (भारत)


विषय :- माँ शारदा मन्दिर घाटी डोंगरी बनचाचर, वि.स. क्षेत्र ब्योहारी में हो रही अनियमितता के संबन्ध में निवेदन पत्र।
महोदय,
सादर विनम्र अनुरोध यह है कि शहडोल जिले के प्रचीन से प्राचीनतम शक्ति पीठों में से एक विषयांकित शारदा देवी का मन्दिर जिला मुख्यालय से 70 कि.मी. की दूरी पर शहडोल से रीवा मार्ग(राष्ट्रीय), राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ रोड पर मसीरा से 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित है l
1-    यह है कि उपरोक्त मन्दिर को जन - सहयोग से जो खंडहर के रूप में था, वर्ष 2003 से स्थानीय समिति बनचाचर सार्वजनिक चंदे से मन्दिर का नव निर्माण वर्ष 2015 में पूर्ण किया जा चुका है।
2-    यह है कि, मन्दिर में आने वाले चढ़ावे व दान पात्र कि राशि का सही व सुचारू रूप से मन्दिर के कार्य में उपयोग हो इस कारण से वर्ष 2016 में श्री मान अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जयसिंहनगर व लोक पंजीयक के यहाँ लोक न्यास हेतु स्थानीय समिति द्वारा प्रस्तुत किया गया।
3-    यह है कि, पंजीयक जयसिंहनगर (अनुविभागीय अधिकारी) द्वारा विधि के अनुरूप दावा व आपत्ति मँगायी गयी व वाद - विचार दिनांक 21 मई 2018 को माँ शारदा देवी मन्दिर घाटी डोंगरी को लोक न्यास की श्रेणी में आदेश पारित किया गया।
4-    यह है कि, कुछ अलगाववादी ताकतों के द्वारा मन्दिर कि सम्पति को खुर्द बुर्द करने कि शाजिस चल रही है व उनके द्वारा चढ़ावे कि राशि अपने निजी उपयोग में कि जा रही है, जिसकी सूचना श्री मान अनुविभागीय अधिकारी, लोक पंजीयक व तहसीलदार जयसिंहनगर को दी गयी किन्तु उनके द्वारा आजतक कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
5-    यह है कि, ट्रस्ट का गठन हुए डेढ़ वर्ष से ज्यादा का समय हो गया है किंतु नयी कार्यकारिणी को आजतक उसका प्रभार नहीं सौंपा गया है, जिस कारण से मन्दिर में होने वाले धार्मिक कार्यो व नव निर्माण में विराम लगा हुआ है।
                                              अस्तु जनप्रिय लोकप्रिय  मुख्यमन्त्री जी मध्य प्रदेश से विनम्र हाथ जोड़कर निवेदन है कि मन्दिर में स्थापित दान पेटी को शील कराने व अन्य चढ़ावे में आने वाले सोने चांदी की वस्तु राजस्व अमले की निगरानी में संपन्न कराए जाने की महती कृपा की जायेगी तथा पिछले तीन साल से ट्रस्ट में जा चुके इस मन्दिर का अभी तक चढ़ावे की राशि व आभूषणों का कोई भी हिसाब क़िताब नहीं है, जो सबके समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इसी आशा व विश्वास के साथ यह आवेदन पत्र संप्रेषित है ॥

                                                                                                         सादर
                                                                                               शिवराज सिंह
                                                                                                   अध्यक्ष
                                                                                शारदा मन्दिर ट्रस्ट घाटी डोंगरी बनचाचर

Thursday 24 October 2019

बेख़बर...

मैं हर ख़बर से बेख़बर सा हूँ..
कहीं मैं दर बदर तो नहीं। 
बड़ी गुस्ताख हो रहीं यादें..
बेइंतहा तुम्हे भूलती ही नहीं॥ 
मैं मगरूर था अपनें कड़कपन पर..
दर्द को कभी समझा नहीं। 
कुछ पल अकेला जो हुआ..
रो बैठा कुछ सूझा नहीं॥ 
हर एक एहसास को समझू..
जिन्हें पहले समझा ही नहीं। 
हरेक आहट से  आहत हूँ..
लगा कहीं तुम तो नहीं॥
            (1)

जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल 
  25 अक्टूबर 2019


जारी है....

Saturday 12 October 2019

॥ एक आंकलन॥ 12/11/199

आजकल सरकारी क्षेत्रों और संस्थाओं के निजीकरण की खबरें आ रहीं हैं, हैरानी की बात तो ये है जिनका बचपन से लेकर जवानी तक निजीकरण में ही निर्मित हुआ है, फ़िर चाहे वो शिक्षा, चिकित्सा या कोई भी क्षेत्र वो लोग़ भी ज्ञान बघार रहें हैं.....
तत्कालीन सरकार अपनें देश हित में कार्य कर रही है, और आगे भी करेगी, जिनको लगता है की प्रधान मंत्री एक्टिंग करते हैं या जान बूझकर सब दिखावे के लिये करते हैं तो ऐसा सोंचने वाले तुम भी ऐसी एक्टिंग करो इसी बहाने अनजाने में ही सही देश के कुछ काम आओगे, आज़ मोदी जी ने महाबलीपुरम में क्या एक्टिंग की है, बीच में कचरा उठाने की है ना....
सभी से अनुरोध है पहली एक्टिंग यही से शुरू करो, रोज़ अपनें आसपास सुबह सुबह डेली यही करो, यकीन मानों अपनें मोहल्ले के सूपर स्टार बन जाओगे और ख़ुद के भी।
हम अगर किसी के प्रशंशक हैं या धुर विरोधी, दोनों ही स्थिति में आपको दोनों के बारे में बराबर जानना अत्यंत आवश्यक है, बिना किसी को जाने, बिना उसके बारे में पढ़े, आप एक अनजान और अनपढ़ जैसा बर्ताव कर जाते हैं, जो अपनें आप में ख़ुद का उपहास होता है और कुछ नहीं।
हमारी डिगरी का हमारे संस्कारों से कोई लेना देना नहीं है, जो ये वजन लेकर चल रहें कृपया हल्के हो जाये, तुरन्त ये वजन उतार फेंके।
हमारा सामजिक जीवन क्या है ये हम नहीं सामने वाला मूल्यांकित करता है, और हमें जो ख़ुद को गलत लगे ऐसा ब्यौहार हम दूसरे से ना करें।

एक आंकलन.....
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल

।। मेरे शहर में सब है ।।

मेरे शहर में सब है, बस नही है तो, वो महक... जो सुबह होते ही, मेरे गांव के हर घर से आती थी। थोड़ी सोंधी, मटमैली, जो अंतर्मन में घुल जाती थी।।...