Friday 25 July 2014

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जब भी मिलोगी किसी मोड़ पे, हर मोड़  जिंदगी का नज़र आएगा  !
तेरे साथ चलना मुनासिब न था, मगर प्यार मेरा जता जायेगा !!
2
फलक से दूर तक कुछ भी नहीं था एक सिवा उसके !
बिना समझे, समझ बैठा, यही अफ़सोस है तबसे !!

फलक से दूर तक कुछ भी नहीं था एक सिवा उसके …
बिना समझे, समझ बैठा, यही अफ़सोस है तबसे .... 
JITENDRA SRS BAGHEL

Wednesday 23 July 2014

ज़िंदगी !!!!

तेरा आना ज़िंदगी में, कुछ ख़ास कर गया !
नहीं समझ सकता ज़िंदगी, तेरे जाने के बाद !!
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
23rd जुलाई 2014

Tuesday 15 July 2014

क्यों फासले हमदर्द हैं !!!

क्यों फासले हमदर्द हैं, हमराह की अँखियों तले !
दिन रात हम रुसवा रहे, खुद के अँधेरे में जले !!
गर रौशनी कुछ दे सका, तो सुकर मत  करना मेरा !
मैं जल रहा मैं मिट रहा, सब कुछ तेरे यादों तले !!
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जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
    15th जुलाई 2014

Friday 11 July 2014

!!!!! गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ !!!!!

।। मेरे शहर में सब है ।।

मेरे शहर में सब है, बस नही है तो, वो महक... जो सुबह होते ही, मेरे गांव के हर घर से आती थी। थोड़ी सोंधी, मटमैली, जो अंतर्मन में घुल जाती थी।।...