एक ज़माना लौट आया, एक ज़माना छोड़ के !
एक नयी सौगात लाया, वक्त खुद करवट बदल के !!
हम यकीं कर ही न पाये, जो गये थे भूल के !
फ़िर अचानक लेके आया, दिल मेरा भी ढूँढ़ के !!
हो रहीं हरतरफ बातें, हो रहा सब अलग से !
क्या कहें दर्दे मोहब्बत, जो जिये हैं शौक से !!
ये फ़कत अंजाम है, कुछ सिले हैं इश्क के !
जिंदगी अब रंग में है, रंग दिया तू इश्क से !!
एक ज़माना लौट आया, एक ज़माना छोड़ के !
एक नयी सौगात लाया, वक्त खुद करवट बदल के !!
🌹🌹🌹🌹
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
29th दिसम्बर 2016
Thursday 29 December 2016
एक ज़माना लौट आया !!
यूँ ही.....
दीदारे इश्क में थोड़ा मशगूल क्या हुए !
लोग हमारी शराफ़त को ही शरारत समझ बैठे !!
12th December 2106
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
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