Saturday 12 May 2018

Happy Mother's Day -2018


अगनित द्वंदो को सहकर भी, अंतर्मन को जो शांत करें !
खुद धधक रही हो ज्वाला सी, फिर भी सबको शीतल करदे !!
हर दर्दों का लेखा जोखा, कैसे संचित कर रहती है !
कोई समझ भला कैसे सकता, अंदर वो क्या क्या रखती है !!
हर कर्म, धर्म का अवलोकन, मानो मेरा तू करती है !
हूँ कोषों तुझसे दूर मगर, हर पल तू मुझको दिखती है !!
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       जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
॥ मात्र दिवस की मंगल शुभकामनाएं ॥
          13th April 2018

Thursday 10 May 2018

॥ ज़िंदगी ॥

ये जो ज़िंदगी है ना, आधी तो बंदगी में गुजार दी ।
कभी ऊपर वाले की, तो कभी नीचे वालों की ॥
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जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
    11th मई 2018

जब नींद ना आये तो कुछ लिखना चाहिये.....

।। मेरे शहर में सब है ।।

मेरे शहर में सब है, बस नही है तो, वो महक... जो सुबह होते ही, मेरे गांव के हर घर से आती थी। थोड़ी सोंधी, मटमैली, जो अंतर्मन में घुल जाती थी।।...