Wednesday 31 August 2016

नियति !!

नियति का अपराध है की, नियति अब तक दूर है !
फ़िर न जाने क्यों मेरे, हालात भी मशहूर हैं !!
हो रही कैसी इनायत, जो क़यामत सी लगे !
हो रही हर साँस पागल, दिन पराये से लगे !!
कब तलक तन्हा रहें हम, वक्त भी मज़बूर है !
दिल बेचारा मोह पाले, जिनकी आहट दूर है !!

जितेन्द्र शिवराज सिंह बघेल 

30th Julay 2016

Bday special.....
Dedicated to my love "LORI"
🎂🌹🎂💖🎂💞🎂

।। मेरे शहर में सब है ।।

मेरे शहर में सब है, बस नही है तो, वो महक... जो सुबह होते ही, मेरे गांव के हर घर से आती थी। थोड़ी सोंधी, मटमैली, जो अंतर्मन में घुल जाती थी।।...