मैं हूँ उसमे भले थोड़ा, मगर एहसास ज्यादा है !
वजह बतला नहीं सकता, मेरा खुद से ये वादा है !!
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जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
7th अप्रैल 2015
क्यों डरना जब हांक रहा रथ, मेरा जगत विधाता मोहन... सब कुछ लुट जाने पर भी, सब कुछ मिल जाया करता है। आश बनी रहने से ही, महाभारत जीता जाता है।।...