एक दिन ऐसा आएगा, कहीं नही रह पाओगे।।
होना चाहो रक्षित तुम तो, खुद का बेड़ा पार करो।
खुद से खुद के द्वंद से मानुष, जल्दी से तुम मुक्त करो।।
बर्बरीक से सीखो कुछ, क्यों कृष्ण ने उसका हाल किया।
कुछ सीखो कर्ण महादानी से, क्यों कृष्ण ने उसको वीर कहा।।
हरगिज़ रहना तत्पर तुम, सहने को निंदा बाणों को।
निंदक ही गढ़ते हैं तुमको, जीवन में आगे बढ़ने को।।
पर पक्ष विपक्ष के अंतर को, समझ बूझ के ही बढ़ना।
जिस कारण पशु से उपर हो, वो कर्म नित्य ही तुम करना।।
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
28 सितंबर 2024
शुभ प्रभात
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय हो
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