Friday, 18 March 2016

देश को पैगाम !!

क्या मेरे राम, मेरे यीशू , मेरे नानक और मेरे पैगम्बर ने यही पैगाम और सीख दी, की तुम मेरे खुद के प्रमाणों को न मानकर उनके प्रमाणों और धारणाओं को मानो जो मेरे प्रमाणों और वजूद का मजाक बनाकर, अपनी रोटी सेंक रहे !!
हर वो व्यक्ति जो समाज और व्यक्ति को धर्म और जाति के आधार पर महत्व देता है आप उसको महत्वहीन करदो, मैं नहीँ कहता की अपमानित करो, बस सम्मान करना छोड़ दो !!
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इतने भी नासमझ न हो जाओ,
की समझ भी आपको समझ न पाये !
खुद के इन्सान को जगाओ,
बस ये सोँचो की जमीं पे क्यों आये !!
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जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
  18 th मार्च 2016

।। जगत विधाता मोहन।।

क्यों डरना जब हांक रहा रथ, मेरा जगत विधाता मोहन... सब कुछ लुट जाने पर भी, सब कुछ मिल जाया करता है। आश बनी रहने से ही, महाभारत जीता जाता है।।...