Thursday, 29 December 2016

एक ज़माना लौट आया !!

एक ज़माना लौट आया, एक ज़माना छोड़ के !
एक नयी सौगात लाया, वक्त खुद करवट बदल के !!
हम यकीं कर ही न पाये, जो गये थे भूल के !
फ़िर अचानक लेके आया, दिल मेरा भी ढूँढ़ के !!
हो रहीं हरतरफ बातें, हो रहा सब अलग से !
क्या कहें दर्दे मोहब्बत, जो जिये हैं शौक से !!
ये फ़कत अंजाम है, कुछ सिले हैं इश्क के !
जिंदगी अब रंग में है, रंग दिया तू इश्क से !!
एक ज़माना लौट आया, एक ज़माना छोड़ के !
एक नयी सौगात लाया, वक्त खुद करवट बदल के !!
🌹🌹🌹🌹
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
29th दिसम्बर 2016

यूँ ही.....

दीदारे इश्क में थोड़ा मशगूल क्या हुए !
लोग हमारी शराफ़त को ही शरारत समझ बैठे !!
12th December 2106
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल

।। जगत विधाता मोहन।।

क्यों डरना जब हांक रहा रथ, मेरा जगत विधाता मोहन... सब कुछ लुट जाने पर भी, सब कुछ मिल जाया करता है। आश बनी रहने से ही, महाभारत जीता जाता है।।...