Tuesday, 15 February 2022

।।जीने की वजह।।

अपने Emotions का Investment किए जा रहा हूं।
किसी के लिए शायद Permanent हुए जा रहा हूं।।
Expenses जिंदगी के बढ़ रहे हैं दिनो दिन।
लगता है जीने की वजह Extend किए जा रहा हूं।।
होना है एक दिन Exipre ही सबको।
बिना मतलब खुद को Inspire किए जा रहा हूं।।

।। जगत विधाता मोहन।।

क्यों डरना जब हांक रहा रथ, मेरा जगत विधाता मोहन... सब कुछ लुट जाने पर भी, सब कुछ मिल जाया करता है। आश बनी रहने से ही, महाभारत जीता जाता है।।...