Tuesday 4 September 2012

मेरे मार्गदर्शक मेरे शिक्षक !!!!

मैं जो कुछ भी हूँ आज, उन्ही के क़र्ज़ के कारण !
नहीं मैं कर रहा होता, यहाँ  कुछ और भी धारण !!
मेरा हर जन्म भी कम है, जिसे चुकता नहीं सकता !
नया जीवन दिया उसने, जिसे मैं कर रहा धारण !!
मेरी हर राह में था वो, नहीं छोड़ा अकेला भी !
यहाँ तक आ गया हूँ मैं, उसी एक सख्स के कारण !!
कभी मन जब हुआ व्याकुल, उसे बस याद हूँ करता !
मिटा देता है सब उलझन, मेरे अरमान के कारण !!
कभी भटका जो राहों में, पकड़ के हाथ कहता है !
तू चलता जा मेरे बच्चे, मैं ही तो हूँ तेरा तारण !!

  "शिक्षक दिवस की हार्दिक सुभकामनाएँ "

                    जितेन्द्र सिंह बघेल
                     5 सितम्बर 2012 

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