Tuesday 23 May 2023

।। मेरे शहर में सब है ।।

मेरे शहर में सब है,
बस नही है तो, वो महक...
जो सुबह होते ही, मेरे गांव के हर घर से आती थी।
थोड़ी सोंधी, मटमैली, जो अंतर्मन में घुल जाती थी।।
मेरे शहर में सब है,
बस नही है तो, वो महक...
जो मेरे मां के आंचल से आती थी।
थोडा रसोई, थोडा दूध मक्खन,
इनकी महक तो मां ने ही बताई थी।।
मेरे शहर में सब है,
बस नही है तो, वो महक...
जो बारिश की बूंदों के पड़ने से आती थीं।
घर की छप्पर पर फैले, कद्दू और लौकी की बौलें,
लगता था की पास बुलाकर, खुद को सुंघाती थीं।।
मेरे शहर में सब है,
बस नही है तो, वो महक...
जो बियारी के लिए तैयार होते चूल्हों से आती थीं।
सुबह सुबह गोबर से लीपी दीवारें भी, पास बुलाती थीं।।
मेरे शहर में सब है,
बस नही है तो, वो महक...

जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
  24th मई 2023


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।। मेरे शहर में सब है ।।

मेरे शहर में सब है, बस नही है तो, वो महक... जो सुबह होते ही, मेरे गांव के हर घर से आती थी। थोड़ी सोंधी, मटमैली, जो अंतर्मन में घुल जाती थी।।...