Sunday, 21 June 2015

पितृ दिवस की सुभकामनाएँ !!






हर आशय को स्पष्ट करे, हर घूढ़ विषय का सार है जो ! 

माँ की ममता के परे भले, एक ढाल बना सा खड़ा है जो !!

है नमन दंडवत जग सारा, ऐसी प्रतिभा का धनी है जो !

 हर जनम रहो मेरे बनके , तुमसे बेहतर कोई और न हो  


पितृ दिवस की सुभकामनाएँ 
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल 
21st जून 2015 

हमने तो जी लिया !!!





बदतर से बेहतर होने में बीत जाती है ज़िन्दगी सारी !!


लोग कहते हैं, हमने तो जी लिया ………
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल 
21st  जून 2015 

।। जगत विधाता मोहन।।

क्यों डरना जब हांक रहा रथ, मेरा जगत विधाता मोहन... सब कुछ लुट जाने पर भी, सब कुछ मिल जाया करता है। आश बनी रहने से ही, महाभारत जीता जाता है।।...