Thursday 1 November 2012

स्त्री का दिल !!!!!

स्त्री का दिल इकलौता ऐसा मुल्क है
जहां मैं दाख़िल हो सकता हूं बग़ैर किसी पासपोर्ट के
कोई पुलिसवाला नहीं मांगता
मेरा पहचान-कार्ड
न ही लेता है तलाशी
उलट-पुलट कर मेरे सूटकेस की
जिसमें ठूंस - ठूंस कर भरी गई हैं
ग़ैरक़ानूनी ख़ुशियां
प्रतिबन्धित कविताएं
और रसीली तकलीफ़ें

स्त्री का दिल इकलौता ऐसा मुल्क है
जो ज़खीरे नहीं बनाता मारक-हथियारों के
न ही झोंकता है अपने लोगों को
लड़ने के लिए
ख़ुद की छेड़ी लडाइयां

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