Friday 23 November 2012

सफ़र जिंदगी का !!!!

ये सफ़र जिंदगी का कटता नहीं क्यों,
न जाने इसे क्यों जिए जा रहे हैं !!
जो  लम्हे सुहाने लगे थे कभी,
जिन्हें भूल जाना मुनासिब नहीं है !!
न पूंछो मेरी ज़िन्दगी के सफ़र को,
कई गलतियों को छुपाये हुए हैं !!










वो गलती गुनाहों सी लगने लगी क्यों,
जिन्हें दिल में अब तक छुपाये हुए हैं !!
ये सफ़र जिंदगी का कटता नहीं क्यों,
न जाने इसे क्यों जिए जा रहे हैं !!

       जितेन्द्र सिंह बघेल 
     24th नवम्बर  2012

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