Friday 12 April 2013

बस माँ का आँचल !!

हैं मौत से पहले मुझे, कुछ ख्वाहिशों की रहमतें !

मरके मिले बस माँ का आँचल, और न हों उल्फतें !!



जितेन्द्र सिंह बघेल
12 अप्रैल 2013

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।। मेरे शहर में सब है ।।

मेरे शहर में सब है, बस नही है तो, वो महक... जो सुबह होते ही, मेरे गांव के हर घर से आती थी। थोड़ी सोंधी, मटमैली, जो अंतर्मन में घुल जाती थी।।...