हर मुश्किल को आँसा कर दू, बस हाथ मेरा तू थामे रख !
ये दौर बड़ा ही नाजुक है, बस कुछ पल का एहसास तू रख !!
सब रिश्तों की है कदर मुझे, हर रिश्ते को मैं जीता हूँ !
बस कभी अकेले में होके, खुद की उलझन में रोता हूँ !!
ये दुनिया बड़ी बेगानी है, मैं समझ - समझ के हार गया !ये दौर बड़ा ही नाजुक है, बस कुछ पल का एहसास तू रख !!
सब रिश्तों की है कदर मुझे, हर रिश्ते को मैं जीता हूँ !
बस कभी अकेले में होके, खुद की उलझन में रोता हूँ !!
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जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
06 अगस्त 2014
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