Thursday, 28 August 2014

कुछ पल की बात !!

कुछ पल की बात थी, लगा यूँ सदियाँ गुजर गयीं !
वो बेसबर थे इस कदर, लगा तन्हाईयाँ भी मर गयीं !!
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल 
28th अगस्त 2014

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क्यों डरना जब हांक रहा रथ, मेरा जगत विधाता मोहन... सब कुछ लुट जाने पर भी, सब कुछ मिल जाया करता है। आश बनी रहने से ही, महाभारत जीता जाता है।।...