कुछ पल की बात थी, लगा यूँ सदियाँ गुजर गयीं !
वो बेसबर थे इस कदर, लगा तन्हाईयाँ भी मर गयीं !!
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
28th अगस्त 2014
क्यों डरना जब हांक रहा रथ, मेरा जगत विधाता मोहन... सब कुछ लुट जाने पर भी, सब कुछ मिल जाया करता है। आश बनी रहने से ही, महाभारत जीता जाता है।।...
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