तुझे देखूं तो लगता है, मेरी आँखें न रो डालें !
मैं डरता हूँ, मैं जलता हूँ, तेरा ये शौक न पालें !!
न देखूंगा, न सोचूंगा, न मानूंगा तुझे अपना !
अकेला ही मैं काफी हूँ, न देखूंगा कोई सपना !!
मेरी हर आरज़ू है अब, वफ़ा के नाम की जाना !
मैं ज़िंदा होके मरता हूँ, किसी ने ये नहीं जाना !!
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जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
2nd अक्टूबर 2014
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