मैं जो भी हूँ....
बस तेरी कला का एक प्रतीक ही तो हूँ !
कई मौसम आये....
कई चले गये....
मगर मैं अडिग, निर्भीक, निडर रहा...
मैं तेरी दुआओं का असर ही तो हूँ !!
कभी लगता है बदल दूँ ज़माना....
कभी लगता है ज़माने सा हो जाऊँ....
मगर खुद बदला नहीँ....
तेरे साहस की एक प्रमाणिकता ही तो हूँ !
मैं जो भी हूँ....
बस तेरी कला का एक प्रतीक ही तो हूँ !!
माँ 🙏....
हे ईश्वर !!
वो सौभाग्य प्रदान करना की नित माँ के चरणों को स्पर्श कर सकूं !!
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
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