आजकल सरकारी क्षेत्रों और संस्थाओं के निजीकरण की खबरें आ रहीं हैं, हैरानी की बात तो ये है जिनका बचपन से लेकर जवानी तक निजीकरण में ही निर्मित हुआ है, फ़िर चाहे वो शिक्षा, चिकित्सा या कोई भी क्षेत्र वो लोग़ भी ज्ञान बघार रहें हैं.....
तत्कालीन सरकार अपनें देश हित में कार्य कर रही है, और आगे भी करेगी, जिनको लगता है की प्रधान मंत्री एक्टिंग करते हैं या जान बूझकर सब दिखावे के लिये करते हैं तो ऐसा सोंचने वाले तुम भी ऐसी एक्टिंग करो इसी बहाने अनजाने में ही सही देश के कुछ काम आओगे, आज़ मोदी जी ने महाबलीपुरम में क्या एक्टिंग की है, बीच में कचरा उठाने की है ना....
सभी से अनुरोध है पहली एक्टिंग यही से शुरू करो, रोज़ अपनें आसपास सुबह सुबह डेली यही करो, यकीन मानों अपनें मोहल्ले के सूपर स्टार बन जाओगे और ख़ुद के भी।
हम अगर किसी के प्रशंशक हैं या धुर विरोधी, दोनों ही स्थिति में आपको दोनों के बारे में बराबर जानना अत्यंत आवश्यक है, बिना किसी को जाने, बिना उसके बारे में पढ़े, आप एक अनजान और अनपढ़ जैसा बर्ताव कर जाते हैं, जो अपनें आप में ख़ुद का उपहास होता है और कुछ नहीं।
हमारी डिगरी का हमारे संस्कारों से कोई लेना देना नहीं है, जो ये वजन लेकर चल रहें कृपया हल्के हो जाये, तुरन्त ये वजन उतार फेंके।
हमारा सामजिक जीवन क्या है ये हम नहीं सामने वाला मूल्यांकित करता है, और हमें जो ख़ुद को गलत लगे ऐसा ब्यौहार हम दूसरे से ना करें।
एक आंकलन.....
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
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