Wednesday, 5 December 2012

साहेब !!!!

मेरी बातें भी अब उनको लगे हैं, जुल्म सी साहेब !
मेरा दिल भी बेचारा है, हुआ न अब तलक वाकिफ !!
उन्हें तो आदतें सी  हैं, सनम का दिल जलाने  की !
बेचारी आदतों को अब, कोई समझाये क्या साहेब !!




 जितेन्द्र सिंह बघेल
5th  दिसम्बर 2012 

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