तेरा आना ज़िंदगी में, कुछ ख़ास कर गया !
नहीं समझ सकता ज़िंदगी, तेरे जाने के बाद !!
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जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
23rd जुलाई 2014
मेरे शहर में सब है, बस नही है तो, वो महक... जो सुबह होते ही, मेरे गांव के हर घर से आती थी। थोड़ी सोंधी, मटमैली, जो अंतर्मन में घुल जाती थी।।...
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