Tuesday, 15 July 2014

क्यों फासले हमदर्द हैं !!!

क्यों फासले हमदर्द हैं, हमराह की अँखियों तले !
दिन रात हम रुसवा रहे, खुद के अँधेरे में जले !!
गर रौशनी कुछ दे सका, तो सुकर मत  करना मेरा !
मैं जल रहा मैं मिट रहा, सब कुछ तेरे यादों तले !!
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जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
    15th जुलाई 2014

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