कुछ मुलाकातें दिल साफ़ करती हैं !
कुछ तो आदत बन जातीं हैं !!
फ़र्क होता है मुलाकातें दौर का ,
वरना हर मुलाकातें कुछ न कुछ करतीं हैं !!
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
2nd मार्च 2017
मेरे शहर में सब है, बस नही है तो, वो महक... जो सुबह होते ही, मेरे गांव के हर घर से आती थी। थोड़ी सोंधी, मटमैली, जो अंतर्मन में घुल जाती थी।।...
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