Wednesday, 4 April 2018

तज़ुर्बा

मैं ग़मों को बेवकूफ़ बनाना सीख लिया, कहीं ऐसा तो नहीं की ज़िंदगी का तज़ुर्बा सीख लिया ! था बदतर अब बेहतर हो लिया, लगता है सच और झूँठ का अंतर समझ लिया !!

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जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
   5th अप्रैल 2018

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