बहुत सुलझा दिया है, वक्त ने हरकतें कर करके,
वरना एक वक्त था, की सारा वक्त गुजरता था हरकतों में !
जितेंद्र शिवराज सिंह बघेल
20th अप्रैल 2018
क्यों डरना जब हांक रहा रथ, मेरा जगत विधाता मोहन... सब कुछ लुट जाने पर भी, सब कुछ मिल जाया करता है। आश बनी रहने से ही, महाभारत जीता जाता है।।...
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