Thursday, 26 July 2012

कुछ गुनाह !!!!

कुछ गुनाह करके भी पछताया नहीं जाता,
उनकी मजबूरी तो देखो, चाह कर भी कुछ कहा नहीं जाता !!
वो बेबस हैं, या हैं कातिल, खुदी में उलझे हुए हैं,
हम भी कितने बेबस हैं, ये दर्द अब सहा नहीं जाता !!
उनका मिलना भी एक, खुद किस्मती थी हमारी,
हजारों दर्द हैं, किसी एक को बताया नहीं जाता !!
उनके चेहरे में कुछ बात तो जरूर थी यारो,
तभी तो,  इन आँखों से कोई और चाहा नहीं जाता !!
                                                                   जितेन्द्र सिंह बघेल 
                                                                     26 जुलाई 2012

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