नहीं डरते ज़माने से, तेरा ये गम ही काफी है !
सुना है गम मोहब्बत का, बड़ा गमगीन होता है !!
डरे रहते हैं हर पल हम, तेरे इस दर्द को लेकर !
सुना है गम जुदाई का, बड़ा संगीन होता है !!
कई रंगों से मिलकर के, बना है गम मोहब्बत का !
सुना है रंग मोहब्बत का, बड़ा रंगीन होता है !!
जितेन्द्र सिंह बघेल
12th दिसम्बर 2012
सुना है गम मोहब्बत का, बड़ा गमगीन होता है !!
डरे रहते हैं हर पल हम, तेरे इस दर्द को लेकर !
सुना है गम जुदाई का, बड़ा संगीन होता है !!
कई रंगों से मिलकर के, बना है गम मोहब्बत का !
सुना है रंग मोहब्बत का, बड़ा रंगीन होता है !!
जितेन्द्र सिंह बघेल
12th दिसम्बर 2012
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