Wednesday, 12 December 2012

गम मोहब्बत का !!!!

नहीं डरते ज़माने से, तेरा ये गम ही काफी है !
सुना है गम मोहब्बत का, बड़ा गमगीन होता है !!
डरे रहते हैं हर पल हम, तेरे इस दर्द को लेकर !
सुना है गम जुदाई का, बड़ा संगीन होता है !!
कई रंगों से मिलकर के, बना है गम मोहब्बत का !
सुना है रंग मोहब्बत का, बड़ा रंगीन होता है !!


जितेन्द्र सिंह बघेल 
12th दिसम्बर 2012

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